भेष बनाना, किसी का रूप या वेश धारण करना, बन जाना, नाम देना, मूरत बनाना
3.
क्या हिंदुओं के धर्म और देवी-देवताओं को सामी और संगठित इस्लाम या ईसाइयत समझ रखा है, जिसमें किसी पैगंबर की मूरत बनाना वर्जित हो।
4.
क् या हिंदुओं के धर्म और देवी-देवताओं को सामी और संगठित इस् लाम या ईसाइयत समझ रखा है, जिसमें किसी पैगंबर की मूरत बनाना वर्जित हो।
5.
मिट्टी के बने गोगादेव हों या माँ पार्वती, पुरानी स्त्रियों के लिए स्वयं ही मिट्टी की मूरत बनाना, फिर उसकी पूजा करना एक आनंददायी शगल रहा है।
6.
क्या हिंदुओं के धर्म और देवी देवताओं को सामी और संगठित इस्लाम या ईसाइयत समझ रखा है जिसमें किसी पैगंबर की मूरत बनाना वर्जित हो? थोड़ा अपना धर्म और जीवन परंपरा को समझो।
7.
मिट्टी का काम मूरत बनाना भी होता अभी हम गीली मिट्टी के बने जरा कच्चे खिलौने हैं आग में पिघल-कर ही सोना खरा होता अभी तो बदनामी में पककर ज़रा तैयार होना हैं पर्वत ही हिमालायाँ जैसा ख़ूबसूरत होता अभी हम कंकड़-पथ्थर हैं, कठोर शीला बनना है फसल कटेगी वही जो किशान बोया होता अभी …